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योग करने से पहले, करते समय और करने बाद के दिशानिर्देश- Guidelines before, while doing and after doing Yoga Practice

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योग करने से पहले, करते समय और करने बाद के दिशानिर्देश अंतराष्टीय योग दिवस की आप सभी को बहुत शुभकामनाये। योग एक ऐसी विधा है जो हमें निरोगी रखने के साथ-साथ जीवन जीने की कला भी सिखाती है। योग की महर्षि पतञ्जलि के अनुसार परिभाषा को देखे तो योग का सही अर्थ समझ में आता है महर्षि पतञ्जलि से लिखा है - योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः। (योगसूत्र-1. २ ) अर्थात योग शब्द का अर्थ है चित्त की वृति का निरोध। अगर सरल शब्दों में कहे तो मन यानि चित्त और वृति यानि मन की चंचलता को रोकना, मतलब  मन को अपने नियंत्रण में करना है योग है। महर्षि पतञ्जलि में योग को अष्टांग योग से आठ प्रकार बताये है जो की इस प्रकार के से है - यमनियमासानप्राणायामप्रत्याहरधारणाध्यानसमाधयोअष्टावङ्गानि। (योग सूत्र 2. 29) अर्थात 1. यम , 2. नियम , 3. आसन , 4. प्राणायाम 5. प्रत्याहार , 6. धारणा , 7. ध्यान, 8. समाधि। ये आठ अंग है योग के महर्षि पतञ्जलि के अनुसार | इन आठ अंगों में तीसरा अंग है आसन जिसको करने से पहले और करते समय और करने के बाद किन- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए वो हम आज यहाँ सीखेंगे- योगासन साधक के लिए द

लू लगने के कारण और बचने के घरेलु उपाय -Heat Stroke Causes and Home Remedy

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लू लगने के कारण और बचने के घरेलु उपाय-Heat Stroke Causes and Home Remedy लू लगना in English हीट स्ट्रोक को कहा जाता है। हम लू को इस प्रकार से समझेंगे कि सनस्ट्रोक / हीटस्ट्रोक को सूरज की गर्मी के अत्यधिक संपर्क में लाया जाता है। यह शरीर के थर्मोसेटिंग में असंतुलन के कारण होता है। शरीर का ठंडा तंत्र पसीने के रूप में पानी के वाष्पीकरण पर निर्भर करता है। ठंडी हवा का सबसे अच्छा प्रभाव शुष्क हवा में देखा जा सकता है लेकिन नम हवा के मामले में, पसीना मुश्किल से वाष्पित हो जाता है जिससे शरीर के तापमान में वृद्धि होती है और व्यक्ति सनस्ट्रोक / हीटस्ट्रोक जैसी बीमारी की चपेट में आ सकता है। लू  या हीट स्ट्रोक के कारण - Causes of Heat Stroke in Hindi  हीट स्ट्रोक या लू लगने के निम्न कारण हो सकते है सूर्य के संपर्क में लंबे समय तक, विशेष रूप से शुष्क और नमी वाले वातावरण में  शरीर के थर्मोसेटिंग सिस्टम में असंतुलन अधिक पसीना आने के कारण निर्जलीकरण यानि पानी की कमी हो जाने संक्षेप में, हीट स्ट्रोक पर्यावरणीय गर्मी के लिए ओवरएक्सपोजर के कारण होता है। अन्य योगदान करने वाले कारकों

शिलाजीत के फायदे और नुकसान (Shilajit Benefits And Side Effects in Hindi)

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शिलाजीत के फायदे और नुकसान (Shilajit Benefits And Side Effects in Hindi) आयुर्वेद में शिलाजीत के बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है। शिलाजीत के फायदे(Benefits of Shilajit), शिलाजीत की मात्रा (Dose of Shilajit ), शिलाजीत लेने का तरीका (How To Take Shilajit ) शिलाजीत का प्रयोग यौन शक्ति(sexual weakness ) बढ़ाने के अलाबा वात रोगो, मूत्र सम्बन्धी रोगो में भी होता है।  स्त्रियों (Shilajit for women) में भी दौर्बल्यता और वात विकारो में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। शिलाजीत(What is Shilajit in Hindi) क्या है? आयुर्वेद के ग्रंथों में शिलाजीत चट्टानों की  तलहटी में पाया जाने वाला खनिज है जो प्राकृतिक रूप से अपने आप बनता है। यानि की ये पत्थर सूर्य की तेज किरणों की वजह से चट्टानों के पिघलने की वजह से बनता है। इसीलिए इसे शिलाजीत बोला गया है। जहां तक इसके रंग की बात करें तो यह  हल्के भूरे या काले  रंग का दिखाई देता है। इसका रंग बहुत काला होता है । शिलाजतु के प्रकार (Type of Shilajit in Hindi) १. गोमूत्रगन्धि शिलाजतु(Black Bitumen) २. कर्पूरगन्धि शिलाजतु (Potassium Nitrat

दालचीनी के फायदे, उपयोग और नुकसान (Cinnamon Benefits, Uses And Side effects In Hindi)

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दालचीनी के फायदे और नुकसान (Dalchini ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) दालचीनी का उपयोग आजकल बहुत मात्रा में आयुर्वेदिक औषधि  के रूप में किया जाने लगा है। दालचीनी के फायदे (Dalchini ke benefit in Hindi) को जान कर आप भी इसका सेवन करना शुरू कर देंगे। दालचीनी को पाउडर (Cinnamon powder ) के रूप में भी प्रयोग कर सकते है साथ हि Cinnamon oil  online मांगकर भी प्रयोग किया  सकता है । दालीचीनी के लाभ (benefits of Cinnamon ) के साथ ही दालचीनी को बिना विशेषज्ञ  की सलाह लेने से नुकसान  side effects in Hindi  भी हो सकते है इसलिए सही तरीका ( how  to take   powder ) और सही मात्रा में ही दालचीनी का उपयोग करना चाहिये । दालचीनी को दूध के साथ लेना (Benefits of With Milk) ज्यादा फायदेमंद होता है । दालचीनी क्या है (What is Dalchini in Hindi) असली दालचीनी' या श्रीलंकाई दालचीनी 'सिनमोमं वीरम' की शुष्क आन्तरिक तना छाल है। दालचीनी के पौधे झाडीनुमा बढते हैं । पौधे जब दो साल के होते हैं, उनकी ऊँचाई सामान्यत: लगभग दो मीटर रहती है और नीचे का हिस्सा 8-12 से.मी. आकार का होता है। इसी अवस्था में

Mother's Day Special Top 3 Herbs for Moms Health

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Mother's Day Special Top 3  Herbs for Moms Health My Mother, my friend so dear throughout my life, you’re always near. A tender smile to guide my way You’re the sunshine to light my day. With these wonderful  mother day quotes , we are are now discussing today caring of mother's health but how? don't worry here we are giving information regarding top 3 herbs for maintaining a healthy life of a dear mom on this Mother day 2019 Shatavari one of the best herbs for Women Shatavari(Asparagus racemous) means who possesses a hundred husbands or acceptable to many”. It is considered both a general tonic and a female reproductive tonic. In Ayurveda, this amazing herb is known as the “Queen of Herbs” because it promotes love and devotion. Shatavari is the main  Ayurvedic rejuvenating tonic for the female. So this is the first herbs on occasions of This International Mother  Day 2019 Special Top 5 Herbs for Moms Health Ayurvedic Benefits of Shatavari f

शुक्राणुओं को बढ़ाने के आयुर्वेदिक तरीके (Sperm Count Badane Ke Ayurvedic Tarike)

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कौंच बीज चूर्ण का शुक्राणुओं  और स्टैमिना बढ़ाने में प्रयोग ( kaunch beej ka sperm count aur stamina increase karne me use in H indi ) आयुर्वेद में कौंच (kaunch beej ke phayade in hindi) को कैवांच, कपिकच्छु के नाम से भी जाना जाता है  वेलवेट बीन के नाम से भी जाना जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम म्यूकुना प्रुरियन्स (mucuna pruriens) है| आयुर्वेद के अनुसार कौंच के गुण (characteristics and qualities of kaunch ) कौंच वीर्यवर्धक, मधुर, पुष्टिकारक, भारी, कड़वा, वातनाशक , स्निग्ध, उष्णवीर्य, बलदायक और कफ, पित्त तथा रुधिर विकार नाशक है और इसके बीज अत्यंत वाजीकारक हैं| कौंच बीज चूर्ण लेने का तरीका (How to take Kaunch beej in Hindi) कौंच के बीजों को प्रयोग करने से पहले इन्हे शुद्ध किया जाता है. जितनी मात्रा (वज़न ) में बीज हों उनसे चौगुनी मात्रा में दूध लेकर , दूध में बीज डाल दें व् उबलने के लिए आग पर चढ़ा दें. जब दूध खूब उबलने लगे तब १-२ बीज निकाल कर देखें. यदि छिलका नरम और निकलने योग्य हो गया हो तो उतार कर ठंडा कर लें बीजों को छाया में सुखाकर कूट-पीस कर महीन चूर्ण बनाकर प्रयो

आँवला जूस के फायदे, औषधिये गुण और नुकसान-Amla juice benefits and side effects in hindi

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आप अभी भी आँवला जूस-Amla juice benefits  के गुणों से परिचित नहीं हैं तो आज यहाँ पर आपको आंवले के जूस के फायदों के बारे में बताया जाएगा| आंवले के जूस के इतने ज्यादा लाभ हैं जैसे आंवला  जूस आँखों की  बीमारी के लिए फायदेमंद आंवला जूस खून को करता है साफ, आंवला जूस महावारी के दौरान का दर्द  में लाभदायक,आंवला जूस बवासीर में लाभदायक  और साथ ही जानेगे कुछ आंवला जूस के नुकसान side effects of Amla Juice in Hindi  भी |  अगर आपने अभी तक आंवला जूस पीना शुरू नहीं किया है तो भी इसके गुणों को जानकर आप जल्दी ही इसे पीना शुरू कर दे | आंवला  जूस आँखों की  बीमारी के लिए फायदेमंद - Benefis of Amla Juice in Hindi आंवला  जूस देखने की शक्ति को बढाता है। मोतियाबिंद, नाईट ब्लाइंडनेस, और कई आँखों से सम्बंधित बिमारियों में आंवले का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। आंवला  जूस पाचन ठीक करता है- आँवला जूस पाचन से संबधित विकारों को दूर करने में योग्य है। आंवले से बने आहार भोजन को जल्दी पचाते हैं इसके अलावा यह कब्ज कि समस्या भी दूर करता है। रोज आंवले का सेवन करने से गैस की समस्या जड़ से